सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ राधा चालीसा - जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन https://shivchalisas.com